सोना आयुर्वेद & प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र

* क्या आप बीमारियों की वजह से निराश हो चुके हैं?
* क्या आपका रोग ठीक नहीं हो रहा है?
* क्या आप दवायें खा-खाकर तंग आ गये हैं?
* क्या आपकी निराशा बढ़ गई है?

तो तुरन्त आयुर्वेद & प्राकृतिक चिकित्सा अपनायें !!!

हेल्पलाइन नंबर

888-555-6461

आयुर्वेद & प्राकृतिक चिकित्सा सिर्फ एक उपचार ही नहीं बल्कि जीने की कला भी है। रोग जड़ से निकल जाता है तथा अन्य सभी रोग भी ठीक हो जाते हैं दूसरे विकार पैदा नहीं होते क्योंकि केमिकल वाली दवाएं नहीं खानी पड़तीं। आयुर्वेद & प्राकृतिक चिकित्सा दो कार्य करती है। प्रथम कार्य रोगी को शीघ्रतम रोग से मुक्त करना, द्वितीय कार्य प्रशिक्षित करना कि भविष्य में अपने को रोग मुक्त रख सकें ।

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    सोना आयुर्वेद & प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र

    हमारे यहाँ पुरानी असाध्य बीमारियों जैसे गठिया, कमर दर्द, जोड़ो का दर्द, साईटिका, शुगर, मोटापा, थायराइड, बवासीर, कमजोरी, बालो का झड़ना इत्यादि अनेको बीमारियों का आयुर्वेदिक & प्राकृतिक उपचार किया जाता है।

    "शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वस्थता की पूर्ण अवस्था" ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य की परिभाषा है। जब कोई व्यक्ति विभिन्न शारीरिक रोगों से ग्रसित रहता है तो उसे शारीरिक रूप से रोगग्रस्त माना जाता है। जब कोई व्यक्ति तनाव, चिन्ता, नकारात्मक सोच से ग्रसित रहता है तो उसे मानसिक रूप से अस्वस्थ माना जाता है। जब कोई व्यक्ति निरन्तर अपने परिजनों, सम्बन्धियों और मित्रों के साथ कलह करता है तो उसे सामाजिक रूप से अस्वस्थ माना जाता है। जब कोई व्यक्ति क्रोध, लालच, अहंकार, घृणा, ईर्ष्या इत्यादि से ग्रसित रहता है तो उसे भावनात्मक स्वस्थ माना जाता है। जब व्यक्ति मोह और उलझनों के साथ अशान्त रहता है तो उसे आध्यात्मिक रूप से अस्वस्थ माना जाता है।
    सभी रोगों का एक ही कारण है, यह है शरीर में विजातीय द्रव्यों (Waste Products) का इकट्ठा हो जाना। अर्थात शरीर की गंदगी शरीर में ही इकट्ठी हो जाना।

    "हमारा मुख्य उदेश्य लोगो को स्वस्थ्य समृद्ध, बीमारी मुक्त जीवन जीने के लिये प्रेरित करना है !"

    डॉ. चन्दन सिंह चौहान

    B.N.Y.S, DPh(Ayurveda)

    चिकित्सा विधि

    हमारी उपचार थैरेपी एवं चिकित्सा पद्धति

    जल चिकित्सा

    जलचिकित्सा अनेक रोगों की चिकित्सा करने की एक निश्चित पद्धति है, जिसमें शीतल तथा उष्ण जल का बाह्याभ्यंतर प्रयोग सर्वश्रेष्ठ औषधि होती है I

    मिट्टी चिकित्सा

    प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी का प्रयोग कई रोगों के निवारण में प्राचीन काल से ही होता आया है। नई वैज्ञानिक शोध में यह प्रमाणित हो चुका है कि मिट्टी चिकित्सा की शरीर को तरो ताजा करने जीवंत और उर्जावान बनाने में महती उपयोगिता है।

    वायु चिकित्सा

    वायु चिकित्सा मानव शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और शरीर में प्राकृतिक शक्ति को पुनर्स्थापित करती है। इसके अलावा, व्यायाम और ठंडी रगड़ के साथ इसे मिलाकर वायु स्नान अधिक प्रभावी हो जाता है।

    आयुर्वेद चिकित्सा

    आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है| आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।

    होम्योपैथी चिकित्सा

    होम्योपैथी का उपयोग स्वास्थ्य की एक अत्यंत विस्तृत श्रृंखला के लिए किया जाता है। कई चिकित्सकों का मानना है कि होम्योपैथी किसी भी स्थिति में मदद कर सकती है। होम्योपैथी पुरानी और असाध्य बीमारियों के लिए सबसे अच्छा इलाज माना जाता है।

    अग्नि चिकित्सा

    सूर्य और सूर्य किरण द्वारा की गई सभी प्रकार की चिकित्सा सूर्य चिकित्सा कहलाती है, इसे हम क्रोमोथैरेपी भी कहते हैं, इससे हम जटिल से जटिल बीमारियों को आसानी से ठीक करने में मदद मिलती है I

    आकाश चिकित्सा

    आकाश चिकित्सा शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसका मूल उद्देश्य उपवास होता है उपवास से मोटापा घुटने का दर्द तथा बहुत सारे पेट की बीमारियों में आराम मिलता है I

    योग चिकित्सा

    योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। 'योग' शब्द तथा इसकी प्रक्रिया और धारणा हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है।

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    आयुर्वेदिक उपचार का अच्छा स्थान !

    अधिकतर बीमारियां सही भोजन, सही पानी, सही परहेज, सही वातावरण में रहने से ठीक हो जाती है, जरूरत पड़ने पर ही दवाइयां लेने की आवश्यकता पड़ती है, दवाइयां लेते समय परहेज करना जरूरी है !

    हम आपकी सेहत का ख्याल रखते हैं

    सही दवा को नियमित खुराक, नियमित समय तक लेने से बीमारी जरूर ठीक हो जाती है, हम आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
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    प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से शाम: 6 बजे तक
    रविवार अवकाश

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    कारण :- असंतुलित आहार, विटामिन बी एवं प्राकृतिक लवणों लौह एवं आयोडिन इत्यादि की कमी, चिंता, तनाव, मानसिक आघात, अन्य लंबे रोग (टाइफाइड, सीफलीश, जुकाम, नजला, साइनस, रक्तहीनता, कैंसर इत्यादि) खोपड़ी की ठीक से सफाई न रखना, वंशानुगत, सिर पर रक्त संचालन में कमी, हारमोन का अंसतुलन, शैम्पू, साबुन इत्यादि के हानिकारक रसायनों की मौजूदगी, हेयर डायर्स का अधिक प्रयोग,…

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