एलर्जी (Allergy)
लक्षण :- त्वचा में चुभन, खुजली, दाने, दाफड़ या चकते पड़ना, आँखे लाल होना, नाक का बहना, घबराहट, बैचेनी, अधिक छींक आना, नाक में खुजली, नाक से अधिक स्राव, खाँसी, साँस लेने में कष्ट, सिर दर्द, आधा सिर दर्द इत्यादि। एलर्जी कई अन्य बीमारियों (मधुमेह, डिप्रेशन, हृदयरोग, अल्सर, दमा एक्जिमा इत्यादि) की जननी है।
कारण : एलर्जी रोग निरोधक शक्ति (Resistance Power) का कम होना भी दर्शाती है। पेट में कीड़े होना, नशीले पदार्थों का उपयोग, हानिकारक एवं रसायन मिले खाद्यों का सेवन, सौन्दर्य प्रसाधन, सिंथेटिक कपड़े, किसी विशेष आहार एवं औषधियाँ, चीनी का अधिक सेवन, मानसिक तनाव इत्यादि ।
उपचार :- तीन-चार दिनों तक नींबू पानी, नारियल पानी तथा फल एवं सब्जियों के रस पर उपवास करें उसके बाद एक सप्ताह तक अपक्वाहार लें। डिब्बाबंद खाद्यों, नमक तथा चीनी का उपयोग न करें। सोयाबीन के दूध का इस्तेमाल करें।
कुछ रोज तक प्रातः खाली पेट 40-50 नीम के पत्तों का पानी पीयें तथा उसके आधे घंटे तक कुछ भी खायें- पीयें नहीं। इसी तरह प्रातः खाली पेट पाँच बूँद अरंडी का तेल (Castor Oil),
फलों के रस या पानी में डालकर लेना भी बहुत लाभकारी
का चूर्ण थोड़ी हल्दी मिलाकर पानी के साथ सेवन करें।
सूर्यतप्त नीली बोतल का पानी पियें।
नाड़ी शोधन प्राणायाम तथा अर्धमत्स्येन्द्रासन, सर्वांगासन, शवासन इत्यादि करें।
अर्जुन की छाल रात भर पानी में भिगोकर प्रातः मसलकर छानकर काढ़ा बनाकर पियें।
है। दिन में आँवले का चूर्ण थोड़ी हल्दी मिलाकर पानी के साथ सेवन करें।
सूर्यतप्त नीली बोतल का पानी पियें।
नाड़ी शोधन प्राणायाम तथा अर्धमत्स्येन्द्रासन, सर्वांगासन, शवासन इत्यादि करें।
अर्जुन की छाल रात भर पानी में भिगोकर प्रातः मसलकर छानकर काढ़ा बनाकर पियें।
चेतावनी: आयुर्वेदाचार्य अथवा डॉक्टर के परामर्श के बिना आप साइट पर दिए हुए सूचना को पढ़कर किसी भी प्रकार की औषधि एवं उपचार का प्रयोग ना करें !!!
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