सर्वाइकल (Cervical Spondylosis)

रीढ़ की हड्डी के ऊपरी भाग (Cervical Region) की सात गुरिये (Vertebra) में सिकुड़न, घिसावट, गुरियों के बीच की जगह का सकरी हो जाना, इनके बीच विजातीय द्रव्यों का इकट्ठा हो जाना इत्यादि से यह रोग

उत्पन्न हो जाता है। लक्षण : गर्दन में दर्द, अकड़न, सिर में चक्कर आना, मस्तिष्क में दर्द और बेचैनी, हाथों की पकड़ कमजोर होना, गर्दन घुमाने में अवरोध या तकलीफ होना इत्यादि एक्सरे से भी मालूम हो जाता है।

कारण :- गर्दन के गलत इस्तेमाल करने, फोम के गद्दे एवं तकिये पर सोना, अधिक या ऊँचे तकियों का इस्तेमाल, अधिक देर तक झुके रहना या अधिक देर तक गर्दन उठाए रखना, गलत ढंग से बैठना (Wrong Posture), चिंता, मानसिक तनाव, गलत आहार विहार, व्यायाम की कमी, अधिक दवाओं का सेवन, चोट एवं वे सभी कारण जो आर्थराइटिस के हैं।

उपचार :- उपरोक्त कारणों को दूर करें। योगाभ्यास एवं विशेष व्यायाम से इस रोग से पूर्णत: छुटकारा पाया जा सकता है। पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, गोमुखासन, ग्रीवाशक्ति विकासक तथा अन्य व्यायाम जैसे :

(1) कंधों को ऊपर-नीचे करना ।

(2) कंधों को सामने तथा पीछे की ओर गतिशील रखना।

(3) कंधों को घडी की तरह सीधी एवं उल्टी दिशा में घुमाना । (4) अँगुलियों को गर्दन के पीछे आपस में फंसाना और गर्दन को फंसी अंगुलियों की तरफ दबाव देते हुए कोहनी को आगे पीछे करना ।

नोट :- आगे झुकने वाला कोई काम न करें।

अन्य उपचार :- जो आर्थराइटिस के हैं।

चेतावनी: आयुर्वेदाचार्य अथवा डॉक्टर के परामर्श के बिना आप साइट पर दिए हुए सूचना को पढ़कर किसी भी प्रकार की औषधि एवं उपचार का प्रयोग ना करें !!!

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